तकली रानी, तकली रानी
तकली रानी
तकली रानी, तकली रानी,
सूत कातती तकली रानी।
लम्बे कद की पलती रानी,
सूत कातती तकली रानी।
रूई-रूई से धागा निकले,
कभी-कभी हाथों से फिसले,
जैसे फिसले मछली रानी,
सूत कातती तकली रानी।
चक्कर घिन्नी बनकर नाचे,
रीत पुरानी घर-घर बाचे,
युग बदला ना बदली रानी,
सूत कातती तकली रानी।
लोग ने कम इसको जाना,
पर तकली ने सब पहचाना,
हस्त कला की असली रानी,
सूत कातती तकली रानी।
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