हरे रामा भारत देश की शान (बघेली कजरी)
हरे रामा भारत देश की शान ।
बरनि नहि जाई रे हारी ।।
उत्तर हिमगिरि मुकुट सुहाये, सागर चरण पखारे रामा ।
सुन्दर बाग ताल नदियन से, माँ का आँचल सजा है रामा ।।
कोयल टेरे मीठी तान, बरनि नहि जाई रे हारी ।।
हरे रामा भारत देश की शान
रंग बिरंगे वेश पहनकर, बोली बोलैं लोगवा रामा ।
जाति पाँति का भेद मिटाकर, एक साथ करै कमवा रामा ।
समरसता का भाव महान, बरनि नहि जाई रे हारी ।।
हरे रामा भारत देश की शान
आजादी के खातिर लोगवा, अपना प्राण गवइले रामा ।
लाल पाल और बाल वीर ने, सुख की नींद न सोइले रामा ।
वीरों की है अमर वखान, बरनि नहि जाई रे हारी ।।
हरे रामा भारत देश की शान
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