यूँ ही गुनगुनाएंगे, यूँ ही मुस्कुराएंगे (शिशु एवं बाल वर्ग गीत)
यूँ ही गुनगुनाएंगे, यूँ ही मुस्कुराएंगे,
वो सदी जो आ रही है, वह गीत गाएंगे ।। ध्रु. ।।
नीले आसमा पे होगा, कब शांति का डेरा
इस जमीं से कब हटेगा, नफरत भरा अन्धेरा
हभ प्रेम का दिया बन, यूँ ही जलते जाएंगे ।।1।।
है जवां हमारी हिम्मत, है जवां हमारी ताकत
है जवां हमारे वादे, है जवां हर एक इरादे
मंजिल की राह पर, यूँ ही चलते जाएंगे ।।2।।
इक्कीसवीं सदी है, वो सदी जो आ रही है
सपनों के हिंडोलों में, हमको झुला रही है
साकार स्वप्न होंगे, यूँ ही कर दिखाएंगे ।।3।।
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