बाल विकास (Child Development)
बाल विकास (Child Development)
वृद्धि एवं विकास की संकल्पना, विकास के विभिन्न आयाम एवं सिद्धांत, विकास को प्रभावित करने वाले कारक (विशेष रूप से परिवार एवं विद्यालय के संदर्भ में) एवं अधिगम से उनका संबंध l वंशानुक्रम एवं वातावरण की भूमिका l
बालक की जीवन विकास और यात्रा मां के गर्भ में आने के साथ ही प्रारंभ हो जाती है बालक मां के गर्भ में 1 पौधे की तरह छोटे से अंकुर के रूप में अपना जीवन प्रारंभ करता है तथा धीरे-धीरे विकास की ओर बढ़ता है बालक छोटे से निषेचित अंडे से धीरे-धीरे पूर्व अवस्था को प्राप्त कर लेता है l
बाल मनोविज्ञान (Child Psychology)
बाल मनोविज्ञान बालक के मन व स्वभाव का अध्ययन करता है अर्थात बाल मनोविज्ञान बालक का मनोवैज्ञानिक अध्ययन है l
बालक के विकास का अध्ययन मनोविज्ञान की जिस शाखा से अंतर्गत किया जाता है उसे बाल मनोविज्ञान (Child Psychology) कहते हैं l जब इसके अध्ययन का क्षेत्र विस्तृत हुआ अर्थात गर्भावस्था से किशोरावस्था या परिपक्व अवस्था तक होने लगा तो आज बाल मनोविज्ञान का बाल विकास कहा जाने लगा बाल मनोविज्ञान के द्वारा बालक के मन व व्यवहारों को भली-भांति समझा जा सकता है l बालक स्मृति का विकास कितना हुआ और जीवन काल की परिस्थितियों से बालक ने क्या प्रेरणा ग्रहण की याद प्रश्नों का उत्तर ढूंढना ही बाल मनोविज्ञान का उद्देश्य है l
बाल विकास का इतिहास (History Of Child Development)
बाल विकास बाल मनोविज्ञान का आधुनिक व्यवस्थित रुप है बालक की शारीरिक मानसिक बौद्धिक भावनात्मक सामाजिक कार्य पक्षों में परिपक्वता का होना बाल विकास कहलाता है 17 वी सदी तक बालक के विकास के अध्ययन को कोई महत्व नहीं दिया जाता था परंतु प्राचीन काल से ही कई दार्शनिक बालक के विकास के अध्ययन के लिए निरंतर प्रयासरत रहे
प्लूटो ( यूनानी-ग्रीस) 427-344 ई.पू. ने The Republic में इस तथ्य को स्वीकार किया कि बाल अवस्था के प्रशिक्षण का प्रभाव बालक के विकास की व्यवसायिक दक्षता और समायोजन पर पड़ता है l
1628 ई. 17वीं शताब्दी में जोहन अमोस काॅमेनियस ( John Amos Comenious) ने धनी आयु वर्ग के बच्चों के लिये इटली में School Of Infancy की स्थापना की और लगभग 29 वर्षो के अथक प्रयास से 1657 में अपनी प्रसिद्ध पुस्तक Orbic Victous की भी रचना की जो 1659 ईस्वी में प्रकाश में आई l इस पुस्तक में उन्होंने सभी वर्ग के बच्चों के शैक्षिक विकास का विवरण दिया जिसमें बालक की प्राथमिक शिक्षा एवं पाठ्य सामग्री को चित्रों के माध्यम से आकर्षण बनाया तथा मुख्य विषय वस्तु को जोड़ा गया है जिससे विद्वानों के ध्यान का कारण बालक बना l
बालक के विकास का प्रथम बार वैज्ञानिक विवरण 18वीं शताब्दी (1774 ईस्वी ) में पेस्टोलॉजी ने प्रस्तुत किया l इनका यह विवरण अपने स्वयं के साढ़े तीन वर्षीय पुत्र की बीवी बायोग्राफी बाल कथा पर आधारित था l जर्मनी के चिकित्सक डॉक्टर टाइटमैन भी 1787 ईस्वी में अपने बच्चों के शारीरिक व मानसिक विकास का निरीक्षण कर विवरण दिया था l बाल विकास का सर्वप्रथम अध्ययन जाॅन लाॅक व थाॅमस हाॅब्स ने किया
19वीं शताब्दी में अमेरिका में बाल अध्ययन आन्दोलन की शुरुआत हुई । स्टेनली हाॅल (इस आन्दोलन के जन्मदाता) ने 1893 ई. (19वीं शताब्दी) में इस आन्दोलन की शुरुआत की थी । इन्होंने Child Study Society (बाल अध्ययन समिति) तथा Child Welfare Organisations (बाल कल्याण संगठन) जैसी संस्थाओं की स्थापना की तथा Biography भी तैयार की ।
No comments
Post a Comment